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वीरेंद्र व त्रिवेंद्र के बीच कांटे की टक्कर, वीरेंद्र को खूब मिल रहा जनसमर्थन तो त्रिवेंद्र ने भी रोड शो कर दिखाया दम

हरिद्वार: जनपद भर में चुनावी माहौल अपने शुरूर पर नजर आ रहा है प्रचार प्रसार ने अपना आकार लेना शुरू कर दिया है और हर एक प्रत्याशी रणभूमि में जीत दर्ज कराने को लेकर अपने हर एक हथियार का प्रयोग कर रहा है। अगर बात की जाए रणभूमि के इस युद्ध की तो टक्कर रावत की रावत से नजर आ रही है हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार ने भी पूरा दमखम झोंका हुआ है मगर फिर भी विधायक उमेश कुमार का ये दमखम उनकी विधानसभा व आस-पास के कुछ हिस्सों तक ही सिमटता नजर आ रहा है जिस कारण उमेश लोकसभा की इस रेस से बाहर होते नजर आ रहें आ रहे है अगर ये हवा नही बदली तो उमेश को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

प्रत्याशियों की जनता के बीच बनी छवि के कारण भी पलट सकते है समीकरण

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी से हरिद्वार लोकसभा सीट के उमीदवार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल में रहीं विफलता ने उनकी छवि को जनता की नजरों में अलग बनाया है जिस कारण वोटर उनसे किनारा करते नजर आ रहे है। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उमेश कुमार के विवादित बयान ने भी मुस्लिम समुदाय के बीच उमेश की छवि पर बड़ा असर डाला है जिस कारण समुदाय का एक बड़ा तबका उमेश से छिटकता नजर आ रहा है जो उमेश के लिए बड़ा नुकसान दायक हो सकता है। बता दें की जनता के मन में उमेश को लेकर एक बड़ा सवाल ये भी बना रहता है की उमेश भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करने के बजाए केवल एक ही पार्टी को निशाना बनाने पर उतारू रहते है। हां ये सही है की विपक्षी तो उनके वीरेंद्र भी मगर उतने ही विपक्षी त्रिवेंद्र है। उमेश की इन बातों से जनता के बीच ये हवाएं चलने लगी है की कहीं उमेश डायरेक्ट भारतीय जनता पार्टी को तो लाभ नहीं पहुंचा रहे। हालांकि हरीश रावत के नाम पर चुनाव लड़ रहे उनके पुत्र वीरेन्द्र रावत का भी हाल कोई अच्छा नहीं है मगर हरिद्वार के लोकप्रिय नेता रहे हरीश रावत का साथ उन्हें कहीं न कहीं इस रेस में बढ़त दिलाने का काम कर रहा है जिसका फायदा वीरेंद्र के साथ उमड़ रहे जन सैलाब में देखने को मिल रहा है।

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