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भ्रष्टाचार: एक बार फिर चर्चाओ मे विधुत विभाग, 33 केवी लाइन शिफ्टिंग का मामला पंहुचा मुख्यमंत्री दरबार

दो अधिकारियों पर लाइन शिफ्ट करने के नाम पर लग रहे वसूली के आरोप...

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हरिद्वार। बहादराबाद स्तिथ राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर से गुज़र रही 33 के.वी लाइन सिफ्टिंग का मामला मुख्यमंत्री दरबार तक जा पहुंचा है। स्थानीय निवासियों द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शिकायत कर अधीक्षण अभियंता और हाल ही में ट्रांसफर हो कर आए एक अधिशासी अभियंता पर लाइन शिफ्टिंग के नाम पर एक करोड़ रुपए की मांग करने का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद मामले मे नया मोड़ आने के बाद से एक बार फिर विद्युत विभाग की कार्यशाली को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। (फ़ाइल फोटो)

गौरतलब है कि बीते दिनों बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों द्वारा रानीपुर झाल से बहादराबाद की तरफ जा रही 33 के.वी. की लाइन को शिफ्ट करने के लिए तत्कालीन अधिशासी अभियंता ज्वालापुर को प्रार्थना पत्र दे कर लाइन शिफ्टिंग के लिए आग्रह किया गया था। स्थानीय निवासियों द्वारा लाइन काफ़ी पुरानी और जर्जर हालत में होने एवं इसी के साथ ही आए दी दुर्घटना होने की बात कही गई थी। वही यह लाइन जहाँ से गुज़र रही है उसके निचे पेट्रोल पंप, कपड़ा फैक्ट्री व कार शोरूम भी मौजूद है। जिस कारण कोई छोटी दुर्घटना भी बड़ा रूप ले सकती है। जिसको संज्ञान मे लेते हुए तत्कालीन अधिशासी अभियंता द्वारा उच्च अधिकारियो से पत्राचार किया गया। जिसके बाद उच्च अधिकारियो द्वारा मामले का संज्ञान ले कर लाइन शिफ्टिंग के लिए संस्तुति कर दी गई थी। साथ ही स्थानीय निवासियों द्वारा लाइन शिफ्ट करने मे आने वाली खर्च की धनराशि को भी अदा कर दिया गया। इसी बीच तत्कालीन अधिशासी अभियंता का तबादला होने के कारण उनकी जगह आए अधिशासी अभियंता ने लाइन शिफ्टिंग के कार्य पर रोक लगा दी।

फ़ाइल फोटो।

जिसके बाद मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक जा पहुंचा। जिसमें स्थानीय निवासियों द्वारा लाइन शिफ्टिंग के नाम पर एक अधीक्षण अभियंता व हाल ही मे ट्रांसफर होकर आए अधिशासी अभियंता पर एक करोड़ रुपए की मांग करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के नाम शिकायती पत्र भेजा है। जिसमे शिकायतकर्ताओं ने दोनो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए लाइन शिफ्ट का कार्य रोकने की बात कही है। शिकायत की बात सामने आते ही मामले मे नया मोड़ आने के बाद से बिजली विभाग एक बार फिर चर्चाओ मे है। बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर उच्च अधिकारियों के संस्तुति मिलने पर लाइन शिफ्टिंग का कार्य शुरू होने के बाद व शिफ्टिंग पर ख़र्च आने वाली धनराशि जमा होने के बावज़ूद भी शिफ्टिंग के कार्य पर रोक क्यों लगाई गई?

फ़ाइल फोटो।

प्रकरण मेरी जानकारी मे नहीं नहीं है, शायद पुराना मामला है। सस्तुति देना मेरा काम है मगर किस कारण से लाइन शिफ्टिंग मे रोक लगाई गई है यह मेरे संज्ञान मे नहीं है। मे मामले की जानकारी कर लेता हूँ। — संजय टमटा, मुख्य अभियंता यूपीसीएल हरिद्वार। 

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