महिला से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे दोनो दरोगा बाबू को मैदानी जनपदो में तैनाती देने पर उठ रहे सवाल?
मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप पर मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबन की हुई थी कार्रवाई...

देहरादून। बीती रात आईजी रेंज करन सिंह नगन्याल द्वारा रेंज में 14 इंस्पेक्टर सहित 100 दरोगाओ के गैर जनपद में ट्रांसफर किए गए है। जिसमे वर्षों से मैदानी जनपदो में जमे कई पुलिस कर्मियों को पहाड़ चढ़ाया गया है, तो पहाड़ में समय पूरा कर चुके पुलिस कर्मियों को मैदानी जनपदों में तैनात किया गया है। परन्तु रेंज से जारी स्थानांतरण सूची के अनुसार कुछ ऐसे दागी दरोगाओ को भी मैदानी जनपद में तैनाती दे दी गई। जिन पर हाल ही में महिला अपराध के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज हुआ था। जिस कारण महकमे को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद ससपेंड होने के बावज़ूद भी रुद्रप्रयाग में तैनात इन दोनो दरोगाओ को सजा के बजाय मैदानी जनपद में तैनाती देने पर कई सवाल खडे हो रहे है?
जानकारी के अनुसार बुधवार को गढ़वाल रेंज से जारी हुई सूची के अनुसार दो उपनिरीक्षको के नाम को लेकर खूब चर्चाए तेज़ है। महिला यात्री/श्रद्धांलू से छेड़छाड़ के आरोप में घिरे दो दरोगाओ को हरिद्वार और देहरादून जैसे मैदानी जनपद में तैनाती देने पर कई सवाल खड़े हो रहे है। जहाँ एक और पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार महिला उत्पीड़न को लेकर सख्त नज़र आते है वही, महिलाओ का उत्पीड़न करने वाले दागी पुलिस कर्मियों को मैदानी जनपदो में तैनाती देना पुलिस के अनुशासन को तार-तार करता है। यह आलम तब है ज़ब दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ कुछ दिनों पूर्व ही मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप पश्चात कराई गई जांच के बाद छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था और उनको ससपेंड भी किया गया था। अब स्थानांतरण सूची में दोनों दरोगाओं का स्थानांतरण मैदानी जनपद देहरादून और हरिद्वार होने को लेकर महकमे के भीतर की तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। उक्त पुलिस कर्मियों पर दर्शन माफियाओ से मिलीभगत के आरोप भी लग चूके है। वही, इनमे से एक दरोगा पर स्थानीय लोगो ने धर्मस्थल में शराब पीकर जाने का आरोप भी लगाया था।
प्रशासनिक आधार पर वहा(रुद्रप्रयाग) से हटाया गया है। जरुरी नही है दागी लोग पहाड़ पर ही तैनात रहे, यह विभाग का अपना फैसला है। उनके खिलाफ जांच जारी है, जिसमे कार्रवाई विभाग करेगा। पहले की परंपरा के अनुसार ऐसे लोगो को प्रशासनिक आधार पर दुर्घम इलाकों में भेजना भी ठीक नहीं है।
~ करन सिंह नगन्याल, आईजी गढ़वाल रेंज देहरादून।