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वायरल फीवर: खाकी पर चढ़ा रील्स का बुखार यातायात नियम दरकिनार

रील्स बनाने के लिए पुलिस नियमावली तार-तार, सबसे आगे उधमसिंहनगर, देहरादून और हरिद्वार...

देहरादून। प्रदेश मे खाकी वर्दी पर भी इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स बनाने का खुमार सर चढ़ चूका है, सिपाही से लेकर महत्वपूर्ण व संवेदनशील कोतवालीयों की ज़िम्मेदारी संभाल रहे एसओ व इंस्पेक्टर भी रील्स बनाने मे पीछे नहीं है। कई बार रील्स बनाने के चक्कर मे कुछ पुलिस कर्मी यातायात क़ानून भी तोड़ते नज़र आए। वही, उत्तराखंड से सटे पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश मे वर्दी मे रील्स बनाने वाले पुलिस कर्मियों पर लगातार विभागीय कार्रवाई हो रही है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर प्रदेश के नए पुलिस मुखिया कब वर्दी मे रील्स बनाने और रील्स बनाते वक्त यातायात कानूनों का उलंघन करने वाले ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

गौरतलब है कि बीते एक से दो वर्षो से प्रदेश के सबसे व्यस्तता वाले जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर व देहरादून सहित प्रदेश के कई थाने कोतवाली मे तैनात पुलिस कर्मी वर्दी के सहारे इंस्टाग्राम व फेसबुक पर रील्स बना कर खुद को फैमस करने के लिए तरह-तरह की तरकीबे अपना रहे है। रील्स का यह वायरल बुखार सिपाही से लेकर संवेदनशील थाने व कोतवालीयो की जिम्मेदारी संभाल रहे एसओ और इंस्पेक्टरो पर भी चढ़ चूका है। बीते दिनों उधमसिंहनगर मे तैनात एक कोतवाली की जिम्मेदारी संभाल रहे इंस्पेक्टर की बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चलाते हुए रील्स वायरल हुई थी, कई अन्य पुलिस कर्मी भी बिना हेलमेट लगाए बाइक चलाते हुए रील्स मे दिखे है। पुलिसकर्मी रील्स बनाते वक्त सरकारी गाड़ियों और ऑफिस का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। ज़ब रील्स बनाने के लिए यातायात नियमो का पालन कराने वाली पुलिस ही नियमो को ताक पर रख देगी तो आम नागरिकों पर इसका क्या असर पड़ेगा?

रील्स बनाने के लिए पुलिस नियमावली का भी हो रहा उलघन…

वही, यह पुलिस कर्मी रील्स बना कर खुलेआम अनुशासन को तार-तार कर पुलिस नियमावली का भी उल्लंघन कर रहे हैं। पुलिस नियमावली के अनुसार सरकारी गाड़ी, थाने-कोतवाली व किसी भी सरकारी ऑफिस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर प्रदेश के नए पुलिस मुखिया कब वर्दी मे रील्स बनाने और रील्स बनाते वक्त यातायात कानूनों का उलंघन करने वाले ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

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