मासूम शिदरा खान ने महज 6 वर्ष की उम्र मे रखा पहला रोज़ा!
इबादत और नमाज़ अदा क़र मांगी मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ...
हमज़ा राव।
हरिद्वार। इन दिनों दुनियां भर मे मुस्लिम समुदाय के लोग रमज़ान के चलते रोज़े रखने व अल्लाह की इबादत करने मे मशगूल है। रोज़ा रखने के लिए छोटे-छोटे बच्चो मे भी उत्साह है। उपनगरी के कोटरवान निवासी इनाम खान की छ वर्षीय पुत्री शिदरा खान ने अपनी जिंदगी का पहला रोज़ा रखा। बेटी का हौसला अफजाई के लिए माँ फरहा खान ने भी उसके मनपसंद के पकवान तैयार किए। शिदरा खान ने कहा कि मैंने अपने माता-पिता और परिवार के और सभी लोगो को रोज़ा रखते देखा है जिस से मुझे भी रोज़ा रखने का मन करता था।
गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय के सबसे पवित्र माह रमज़ान का दूसरा आशुरा चालू है। रमजान में कोई भी इबादत में पीछे नहीं रहना चाहता है। हर कोई रोजा रखकर नमाज अदा कर रहा है जो समय पर नहीं कर पा रहे हैं, वह भी वक्त बा वक्त इबादत कर रहे हैं। ऐसे में बच्चे कैसे पीछे रह सकते हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी पढ़ाई-लिखाई के साथ रोजा रख रहे हैं। इस्लाम में 12 साल के बच्चों पर रोजा फर्ज है, लेकिन शहर में इससे कम उम्र के बच्चे न केवल रोजा रख रहे हैं, बल्कि कुरान भी पढ़ रहे हैं। पांचों वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं। उपनगरी के मोहल्ला कोटरवान निवासी इनाम खान की पुत्री शिदरा खान ने भी अपना पहला रोज़ा रखा और खुदा से दुवाए मांगी। बेटी की हौसला अफजाई के लिए माँ ने भी उसके मन पसंद पकवान तैयार किए। शिदरा खान ने कहा कि मैंने अपने माता-पिता और परिवार के और सभी लोगो को रोज़ा रखते देखा है जिस से मुझे भी रोज़ा रखने का मन करता था इसलिए मैंने भी रोज़ा रखा। रोज़ा रखने के बाद मैंने अल्लाह की इबादत की और नमाज़ पढ़ क़र सभी के लिए दुआ भी मांगी।