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ब्लैकमेलर गिरोह पर एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के नेतृत्व में पुलिस ने कसा शिकंजा, महिला सहित मुख्य आरोपी गिरफ्त में

हरिद्वार। सोशल मीडिया नेटवर्क इंस्टाग्राम पर युवक से दोस्ती करने के बाद दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर 20 लाख रुपए की डिमांड करने वाली एक युवती व इस गिरोह में शामिल एक शातिर को महंगा पड़ गया। पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर खानपुर थाने की पुलिस ने आरोपी युवती और बेहद शातिर दिमाग उसके साथी को गिरफ्तार कर हनीट्रैप का भंडाफोड़ कर दिया, वहीं दूसरी और इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड रुड़की का एक अधिवक्ता फरार है चल रहा है जिसे उच्च न्यायालय नैनीताल से भी राहत नहीं मिल सकी है। एएसपी लक्सर मनोज ठाकुर के कुशल निर्देशन में पुलिस ने इस मामले की गहराई तक पहुंचकर दूध का दूध पानी का पानी कर दिखाया।
खानपुर थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल के नेतृत्व में उपनिरीक्षक रविंद्र जोशी की टीम ने इस गिरोह को दबोचने व गैंग के अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं एसएसपी डोबाल ने पुलिस टीम को शाबाशी दी है।
जानकारी के अनुसार साजिश के तहत दोस्ती का जाल बिछाकर करीब 3 महीने पहले खानपुर थाना क्षेत्र के माजरी गांव निवासी एक युवक के इंस्टाग्राम पर एक युवती की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। दोनों के बीच दोस्ती होने के बाद कुछ दिन बातचीत हुई। चंद दिनों के बाद युवती ने अचानक ही युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मंगलौर कोतवाली में शिकायत दी। इसके बाद युवक और उसके परिवार को ब्लैकमेल कर रुड़की के एक अधिवक्ता के माध्यम से रकम मांगने का खेल शुरू हो गया। आरोप है कि रुड़की के एक अधिवक्ता के साथ अन्य आरोपियों ने मिलकर 20 लाख रुपए की मांग की। जबकि ना तो युवक कभी युवती से मिला और ना ही उनके बीच कभी कोई संबंध बने। दुष्कर्म का झूठा आरोप लगे और ब्लैकमेलिंग में मोटी रकम की मांग करने से युवक का परिवार टेंशन में आगे और उन्होंने पूरे मामले की जानकारी तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को दी। शुरुआती पड़ताल में युवती की पहचान और उसके आरोप संदिग्ध पाए जाने पर एसएसपी के निर्देश पर खानपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अच्छे परिवार के भोले भाले युवाओं को अपना शिकार बनाकर ब्लैकमेलिंग का धंधा चलाते थे।
एएसपी लक्सर मनोज ठाकुर के निर्देशन में तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी व एसआई रविंद्र जोशी की टीम ने आरोपियों की कुंडली खंगाली। पिछले दिनों मौजूदा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर अमल करते हुए खानपुर थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल के नेतृत्व में रविंद्र जोशी की टीम ने इस मामले की तेजी से पड़ताल करते हुए आरोपी इलमा निवासी शाहजहांपुर और उसे चारे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे वाजिद उर्फ पाटी निवासी रामपुर रुड़की को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भोले भाले युवाओं को दोस्ती के जाल में फ़ंसाने के बाद उन्हें झूठे आरोप लगाकर ब्लैकमेल करते थे और रकम ऐंठते थे। कोर्ट में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया गया है।
दबाव बनाने को दर्ज कराया झूठा मुकदमा
आरोपियों का गैंग इतना शातिर है कि खुद को बचाने और दबाव बनाने के लिए कानूनी दांव-पेंच से भी पूरी तरह वाकिफ है। पोल खोलने पर खानपुर थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों ने कोर्ट के माध्यम से पीड़ितों के खिलाफ मंगलौर कोतवाली में बलात्कार का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। लेकिन पूरा मामला चूंकि पहले से ही आला अधिकारियों की जानकारी में था, इसलिए उनकी दूसरी चाल भी नाकाम हो गई। पुलिस ने आरोपियों की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी और उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया।अब अधिवक्ता वीरेंद्र धीमान समेत कई अन्य आरोपी अभी पुलिस के राडार पर हैं। एएसपी मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि गिरफ्तार वाजिद उर्फ पाटी शातिर अपराधी है और ट्रक लूट समेत कई मामलों में पहले भी जेल जा चुका है। बाकी आरोपियों की भूमिका की जांच करते हुए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से ब्लैकमेल लड़कियों में हड़कंप मचा हुआ है।

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सिडकुल थाना क्षेत्र में भी इसी तरह का एक गिरोह सक्रिय है इस गिरोह ने हाल ही में सुमन नगर टिहरी विस्थापित निवासी एक महिला को माध्यम बनाकर ज्वालापुर निवासी युवक से ब्लैकमेलिंग करते हुए ₹500000 की वसूली की है। जानकारी के अनुसार इस मामले में पहले तो महिला से युवक के खिलाफ दुष्कर्म जैसे आरोप लगाते हुए सिडकुल थाने में तहरीर दिलवाई गई फिर फैसला करने के नाम पर युवक को जेल जाने का भय दिखाते हुए पांच लाख रुपए वसूल कर लिए, मामले में एक महिला दरोगा और एक पूर्व प्रधान की भूमिका भी संदिग्ध रूप से सामने आई है। बहरहाल डर के चलते ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए युवक ने बिना उच्च अधिकारियों की जानकारी में मामला लाए  ही मामले को दबाना ही बेहतर समझा। लेकिन क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

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