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रानीपुर पुलिस को बड़ी सफलता: 103 ग्राम चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार

हरिद्वार। जिले में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत रानीपुर पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान एक युवक को धर दबोचा और उसके कब्जे से 103 ग्राम अवैध चरस बरामद की। बरामद चरस की बाज़ार में कीमत करीब 30 हजार रुपये आंकी गई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया है।

कप्तान प्रमेंद्र डोबाल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में जनपद पुलिस इन दिनों नशे के कारोबारियों और तस्करों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में 11 सितंबर को कोतवाली रानीपुर पुलिस टीम ने चैकिंग अभियान चलाया। टीम भाईचारा ढाबे के पास नहर पटरी से जमालपुर जाने वाले कच्चे रास्ते पर संदिग्ध व्यक्तियों की जांच कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को एक युवक संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया। टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसकी पहचान आकिल उर्फ गोटी पुत्र फिरदौस, उम्र 22 वर्ष, निवासी ग्राम सलेमपुर, कोतवाली रानीपुर, जनपद हरिद्वार के रूप में हुई।
जब पुलिस ने युवक की तलाशी ली तो उसके कब्जे से 103 ग्राम अवैध चरस बरामद हुई। प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपी नशे की लत का शिकार है और इसी कारण वह चरस का अवैध कारोबार करने लगा था।
पुलिस ने आरोपी आकिल उर्फ गोटी के खिलाफ कोतवाली रानीपुर में मु0अ0सं0 378/25, धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। शुक्रवार को आरोपी को न्यायालय ने जेल भेज दिया है।

इस कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक रानीपुर शान्ति कुमार, उपनिरीक्षक विकास रावत (चौकी प्रभारी गैस प्लांट), कांस्टेबल 176 गम्भीर तोमर और कांस्टेबल 1430 करम सिंह शामिल थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से काम किया जाएगा।
पुलिस की इस कार्यवाही से क्षेत्र में एक बार फिर यह संदेश गया है कि नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोग भी पुलिस की इस सक्रियता को लेकर राहत महसूस कर रहे हैं। नशे के खिलाफ पुलिस के प्रयासों को जनसहयोग मिलने पर इस समस्या को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा।

कुल मिलाकर, रानीपुर पुलिस की इस सफलता ने जहां नशा तस्करों में खौफ पैदा किया है, वहीं समाज में यह विश्वास भी मजबूत हुआ है कि कानून की गिरफ्त से बच पाना संभव नहीं है।

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