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कांग्रेस की राह मे मुश्किल खड़ी कर सकते हैं निर्दलीय चेहरे! 

मेयर पद के लिए दो मुस्लिम महिला प्रत्याशी भी मैदान में...

हमज़ा राव।

हरिद्वार। 2018 में सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव मे कांग्रेस को मुस्लिम समुदाय का भारी समर्थन इस बार खटाई में पड़ता नज़र आ रहा हैं, क्योंकि टिकट वितरण में हुई कांग्रेस की फजीहत के बाद इस बार हालात विपरीत नजर आ रहे हैं। नगर निगम के मेयर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने से दोनों दलों के कद्दावर नेता चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं यहां मेयर बनने की दौड़ मे कांग्रेस, भाजपा व आप सहित अब दो मुस्लिम प्रत्याशी भी मैदान मे है। जो कांग्रेस को मिलने वाले मुस्लिम वोटों में सेंधमारी कर सकते है। यही नही कांग्रेस के वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं की नाराज़गी भी इस चुनाव मे कांग्रेस को भारी पड़ेगी। जहां एक ओर कांग्रेस मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से बढ़त बना कर चलती थी इस बार वहां बसपा और निर्दलीय मैदान मे उतरी मेयर प्रत्याशियों के कारण नज़ारा अलग ही देखने को मिले सकता हैं। जिस प्रकार बड़े पैमाने पर कांग्रेस से जुड़े नेताओं व आमजन की कांग्रेस की कार्यशैली से नाराजगी सामने आई वह भी कांग्रेस प्रत्याशी की राह में रूकावट के तौर पर देखी जा सकती है। जिस कारण इस चुनाव मे मेयर सीट निकालना कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होगा।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव हो या फ़िर नगर निकाय मुस्लिम समुदाय का कांग्रेस को भारी समर्थन देखने को मिलता है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से कांग्रेस बढ़त बना कर चलती है। पिछले निकाय चुनाव मे भी यही नजारा देखने को मिला था। लेकिन इस बार दो मुस्लिम चेहरों के मैदान मे उतरने से कांग्रेस का गणित बिगड़ता नज़र आ रहा है। इस बार चुनाव मे मेयर पद के लिए दो मुस्लिम प्रत्याशियों के नामांकन से पार्टी मे भी खलबली है। इसमें बहुजन समाज पार्टी से वरिष्ठ नेता सुलेमान भट्ट की भाभी उस्माना व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे अफ़रोजा शामिल है। इन दोनों मुस्लिम प्रत्याशियों के चुनाव मे खड़े होने के कारण कांग्रेस को मिलने वाले मत प्रतिशत मे बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। यही नही यह दोनों कांग्रेस प्रत्याशी को भी कांटे की टककर दे सकते है। इसी के साथ ही कुछ मज़बूत और प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं के कांग्रेस के विरोध मे उतरने से भी चुनाव मे कांग्रेस का मुस्लिम मतपक्ष गिर सकता है। इन नेताओ की नाराज़गी का सामना कांग्रेस को सिर्फ नगर निकाय चुनाव ही नही आगामी विधानसभा व अन्य चुनावों मे भी देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही सुलेमान भट्ट को शहर के युवाओ का भारी समर्थन हैं। जिस कारण वह इस चुनाव में अपनी भाभी उस्माना के लिए पूरी जद्दोंजहद के साथ लगे हैं।

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