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विजिलेंस की मज़बूत पैरवी के चलते सिडकुल के जेई को पांच वर्ष की सज़ा!

2010 मे विजिलेंस की ट्रैप टीम ने 25 हज़ार की रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार...

देहरादून। विजिलेंस की मज़बूत पैरवी के चलते कोर्ट ने सिडकुल के जेई को रिश्वतखोरी के मामले में पांच साल की सज़ा सुनाई है। आरोपी को 25 हज़ार रूपए जुर्माना भी जमा करना होगा। 2010 मे ट्रैप टीम ने 25 हज़ार की रिश्वत लेते जेई को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढ़वाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा ने आरोपी को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।

फोटो: एसएसपी विजिलेंस, धीरेन्द्र गुंजयाल।

मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी विजिलेंस मुख्यालय धीरेन्द्र गुंजयाल ने बताया कि मामला 16 जुलाई 2010 का है। विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार में तैनात अवर अभियंता सुधाकर त्रिपाठी द्वारा ठेकेदार से अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी। सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर की ट्रैप टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था।

जिसके बाद आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। तब से मामला विजिलेंस कोर्ट में विचाराधीन था। अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र आर्य, पैरोकार कानि. गोपाल की ओर से मामले में मज़बूत पैरवी की गई। शनिवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढ़वाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा ने आरोपी त्रिपाठी को दोषी करार दिया और पांच वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 25 हज़ार रुपए जुर्माना लगाया।

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