मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है मतदान, वोट की ताकत से ही मिलेगा मजबूत प्रतिनिधित्व : डॉ. शिवा अग्रवाल
हरिद्वार। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसका अर्थ यह है कि यहां की सरकार लोकतंत्र के नियमों के आधार पर चुनी जाती है। लोकतंत्र के नियमों में 5 वर्षों में एक बार चुनाव किया जाता है। 5 वर्षों में एक बार होने वाले इस चुनाव में विशेष भूमिका जनता की रहती है। जनता के मतों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही राष्ट्र का संचालन करते हैं। 5 वर्षों में सरकार चुनने की यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। अपना प्रतिनिधि चुनने में जनता स्वयं जिम्मेदार होती है। इसलिए लोकतांत्रिक प्रणाली में मतदान का विशेष महत्व है। मतदान की शक्ति को समझना प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। भारत देश में प्रत्येक वह नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है या उससे अधिक की आयु रखता है, उसे मतदान करने का पूरा अधिकार है। लोकतांत्रिक प्रणाली में एक मतदाता की भूमिका बेहद विशेष है। 5 वर्षों में होने वाली चुनावी प्रक्रिया में मतदाता के बिना प्रतिनिधि चुनना नामुमकिन है।
लोकतंत्र में चुनावी गणना वोटों के आधार पर ही की जाती है। यह वोट मतदाता का देश के लिए अहम योगदान होता है। चुनाव में प्रत्येक बालिग व्यक्ति सत्ता में से सरकार को हटाने का तथा किसी अन्य को प्रतिनिधि चुनने का पूरा अधिकार प्राप्त करता है। इस प्रकार प्रत्येक मतदाता सत्ता और शासन के संचालन में भागीदारी करता है। आज के समय में देश में आधे से ज्यादा आबादी प्रतिशत युवाओं का है। अधिकतर युवा वर्ग के व्यक्ति राजनीति में अधिक रुचि नहीं लेते हैं। इसके साथ ही अधिकतर लोगों में चुनाव को लेकर भी अधिक सक्रियता नहीं रहती। ज्यादातर लोग मतदान के महत्व के विषय में उचित रूप से नहीं जानते, जिसके कारण आज मतदाताओं की संख्या निरंतर घटती नजर आती है। लेकिन यदि देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाना है और एक उचित सत्ता का चयन करना है तो मतदाताओं की वृद्धि आवश्यक है। लोगों में मतदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए, साल 2011 में पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस की भी शुरुआत की गई। चुनावों के समय मतदाता जागरूकता रैली निकाली जाती है। जगह जगह मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में, अभी भी मतदान को लेकर विशेष ज्ञान नहीं है, वहां विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता जागरूकता की लहर जारी रखी जाती है। मतदाता देश के विकास की एक अहम कड़ी होता है। जो पांच वर्षों के लिए देश की कमान अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधि के हाथों में सौंपता है। इस प्रकार अपने देश में एक सही प्रतिनिधि का चयन करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति में मतदान को लेकर जागरूक होना अनिवार्य है।
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक एवं ज्वालापुर विधानसभा के स्वीप मास्टर ट्रेनर हैँ )