माधोपुर मौत मामला: कोर्ट का सख्त रुख, गौ स्क्वायड के पुलिसकर्मियों पर मुकदमे के आदेश

हरिद्वार। रुड़की के माधोपुर में 25 अगस्त 2024 को वसीम नामक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में जिला न्यायालय ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने गौ स्क्वायड टीम के एक उप निरीक्षक, दो कांस्टेबल और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

यह मामला उस वक्त तूल पकड़ गया था जब पुलिस और गौ स्क्वायड ने दावा किया कि वसीम (पुत्र नसीम, निवासी सोहलपुर गाड़ा) गोमांस की तस्करी कर रहा था और पकड़े जाने के डर से तालाब में कूद गया, जिससे उसकी डूबने से मौत हो गई। हालांकि, वसीम के परिजनों ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर उसे तालाब में धकेला और बाहर निकलने नहीं दिया।
परिजनों का आरोप है कि घटना की रात वसीम को बेरहमी से पीटा गया और तालाब के चारों ओर डंडों से लैस पुलिसकर्मी खड़े थे, जिन्होंने उसे बाहर नहीं आने दिया। सुबह जब उसका शव निकाला गया तो उस पर कई जगह चोट के निशान पाए गए, जो परिजनों के दावों की पुष्टि करते हैं।
इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर भारी विरोध और राजनीतिक उबाल देखने को मिला था। न्याय की मांग को लेकर परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।




