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सवाल: रामीलाल का आयोजन कराने और जेल में बाहरी लोगो की आवाजही कराने वाले जेल अधीक्षक पर इतना मेहरबान क्यूँ जेल मुख्यालय…?

इतनी बड़ी घटना के बावज़ूद भी नही हिली कुर्सी, तत्काल पुलिस को सुचना मिलती तो पकड़ में होते कैदी, दोनों को झाड़ियों में खोजते रहे जेल कर्मी...

हरिद्वार। जनपद की रोशनाबाद जेल से फरार हुए कैदियों के चर्चे प्रदेश ही नही देश भर में गुंज रहे है। जिसके बाद पुरी घटना को लेकर जेल प्रशासन की भूमिका पर भी तरह-तरह के सवाल लोग उठा रहे है। यहां तक की जेल में रामलीला का आयोजन कराने वाले जेल अधीक्षक पर कारागार मुख्यालय इतना मेहरबान क्यूँ है? जो देश भर में हो रही किरकिरी के बाद केवल कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया जबकि जिम्मेदारी तो जेल अधीक्षक की भी होनी चाहिए। सवाल यह भी है कि क्या आखिर जेल अधीक्षक भी कैदियों के फरार होने की घटना पर कंबल डाले हुए थे? वक्त रहते अगर सुचना दी गई होती तो हरिद्वार पुलिस दोनों कैदियों को पकड़ सकती। दोनों कैदी 9-10 बजे तक नवोदय नगर में मौजूद थे।

गौरतलब है कि बीते गुरुवार की रात को रोशनाबाद स्थित जिला कारागार से कुख्यात प्रवीण बाल्मीकि गैंग का सदस्य पंकज व राम कुमार नामक एक कैदी पुरे जेल प्रशासन की नाक के निचे से जेल की दिवार पर सीढ़ी लगा क़र फरार हो गए और रामलीला में मस्त जेल प्रशासन को इसकी भनक भी नही लगी। जिसके बाद घंटो तक बिना पुलिस को सुचना दिए जेल कर्मी जेल के अंदर व बहार आसपास झाड़ियों में दोनों कैदियों को तलाशते रहे। जैसे वह उन्ही के लिए घंटो बाद भी झाड़ियों में छिपे हो। फ़िर घटना के कई घंटो बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी।

अब सवाल खड़ा होता है कि जेल में रामलीला का आयोजन करा बाहरी लोगो की आवाजही कराने वाले जेल अधीक्षक पर कारागार मुख्यालय इतना मेहरबान क्यूँ है? वह छुट्टी पर थे क्या केवल इसी कारण उनको बचाया जा रहा है जबकि जेल मे रामलीला का आयोजन कराने व बाहरी लोगो की आवाजही कराने वाले स्वयं जेल अधीक्षक ही है। जेल में अगर रामलीला न हो रही होती तो जेल कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे होते न की रामलीला में व्यस्त होते।

नवोदय नगर को भागे दोनों कैदी…

जेल से फरार हुए दोनों कैदी नवोदय नगर को भागे। दोनों एक कैमरा में वहा से गुजरते दिखाई दे रहे है। अगर समय रहते जेल प्रशासन पुलिस को सुचना देता तो हरिद्वार पुलिस सर्च ऑपरेशन चला क़र दोनों को पकड़ सकती थी। लेकिन जेल प्रशासन घंटो तक मामले में कंबल डाले हुए था। जिस कारण दोनों कैदियों को भागने और कही छुपने का पूरा समय मिला।

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