खबर का असर: लावारिस शव के पोस्टमार्टम में हुई लापरवाही के मामले में चिकित्सा विभाग ने सीएमएस से मंगा स्पष्टीकरण!

हरिद्वार। लावारिस शव को पोस्टमार्टम के दौरान बिना टांके लगाए पुलिस को हैंडओवर करने के मामले में चिकित्सा विभाग द्वारा लापरवाही का संज्ञान लेते हुए सीएमएस से मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिसके चलते पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडे हो रहे है। वहीं लावारिस शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों व पुलिस कर्मियों की लापरवाही को लेकर आमजन में रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार बीती 24 जून को जिला चिकित्सालय में एक व्यक्ति भर्ती हुआ था। जिसने अपना नाम आशू निवासी अलीगढ़ दर्ज कराया था। पांच जुलाई को उसकी मौत हो गई। तीन दिन बाद भी उसके घर-परिवार का पता नहीं चला तो बुधवार को शव को पोस्टमार्टम कर दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले जाया गया। हरिद्वार व आसपास क्षेत्र के लावारिस मुस्लिम शवों को पुलिस ज्वालापुर में सुभाषनगर स्थित वक्फ कब्रिस्तान में दफनाती है। कब्रिस्तान समिति ही लावारिस शवों को दफनाने का प्रबंध करती है। शहर कोतवाली पुलिस आशू का शव भी दफनाने के लिए सुभाषनगर कब्रिस्तान ले गई। कब्रिस्तान के सेवादार ने दफनाने से पहले होने वाले रीति-रिवाज पूरे करने के लिए शव का कपड़ा खोला तो उनके होश उड़ गए। पोस्टमार्टम के बाद शव को बिना टांके लगाए ही पुलिस को सौंप दिया गया था। पुलिस ने भी इस पर गौर नहीं किया और शव को लेकर सीधे कब्रिस्तान पहुंच गई। मानवता को झकझोर देने वाली यह घटना सामने आने के बाद कब्रिस्तान प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं ज्वालापुर त्रिमूर्तिनगर से पार्षद अहसान अंसारी ने आला अधिकारियों को जानकारी दी। लेकिन मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिस कारण शव को उसी अवस्था में दफनाना पड़ा। कब्रिस्तान प्रबंध समिति के अलावा अन्य व्यक्तियों ने भी लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद चिकित्सा विभाग द्वारा जिला चिकित्सालय के सीएमएस से मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया।
मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
— अनिल वर्मा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, हरिद्वार।