कांवड़ मेला 2025: एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा में हरिद्वार पुलिस की शानदार सफलता
कांवड़ मेले में हरिद्वार पुलिस का संयम और सेवा, कप्तान डोबाल खुद रहे मैदान में सक्रिय

हरिद्वार। सावन माह में आयोजित होने वाला कांवड़ मेला एक धार्मिक आयोजन भर नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की कठिन परीक्षा भी होता है। इस वर्ष भी, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, बारिश, यातायात दबाव और संभावित आपात स्थितियों के बीच हरिद्वार पुलिस ने जो संयम, कर्तव्यनिष्ठा और तत्परता दिखाई, वह वाकई सराहनीय रही।
हर चुनौती पर खरी उतरी हरिद्वार पुलिस
कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान, श्रद्धालुओं की भारी भीड़, ट्रैफिक जाम, स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले अफवाहों जैसे कई मोर्चों पर पुलिस को सजग और सतर्क रहना पड़ा। इस परीक्षा में हरिद्वार पुलिस ने बिना किसी बड़ी घटना के पूरे मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया।
पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल की नेतृत्व भूमिका
इस व्यवस्था के पीछे एक सशक्त नेतृत्व की अहम भूमिका रही। हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल स्वयं मैदान में उतरे और पुलिसकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया। भीड़ नियंत्रण, कानून-व्यवस्था और आमजन से संवाद में उन्होंने मूल्यवान पहल की। उनका मूलमंत्र “मूल्य, मर्यादा और मानवता” इस पूरे अभियान में झलकता रहा।
जमीनी स्तर पर कर्मियों की तत्परता
चाहे वो यातायात नियंत्रण की बात हो या आपातकालीन स्थितियों में रिस्पॉन्स टाइम की, हरिद्वार पुलिस के जवानों ने अपने प्रशिक्षण और धैर्य का अद्भुत परिचय दिया। कड़ी धूप, बारिश और 24×7 ड्यूटी के बावजूद, कहीं कोई लापरवाही या नाराजगी की खबर नहीं आई — यह अपने आप में एक उपलब्धि है।
सामाजिक समरसता और संवाद का संतुलन
इस बार पुलिस ने विशेष रूप से जन संवाद और डिजिटल निगरानी के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से भी पुलिस को कार्य आसान हुआ। इसके लिए पुलिस ने पूर्व सूचना, जागरूकता अभियान और सोशल मीडिया की सटीक मॉनिटरिंग को प्रभावी रूप से उपयोग किया।