हरिद्वार

हाईकोर्ट का बड़ा एक्शन: 2021 आपदा राहत में 99 क्विंटल अनाज सड़ा—गंभीर घोटाले पर जिलाधिकारी सहित चार अफसर 10 दिसंबर को तलब

हरिद्वार निवासी की याचिका पर हुआ था ऊधम सिंह नगर में राशन घोटाले का खुलासा

देहरादून/ऊधम सिंह नगर/हरिद्वार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2021 की आपदा राहत सामग्री में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का गंभीर संज्ञान लेते हुए 99 क्विंटल से अधिक अनाज सड़ने के मामले में खाद्य आपूर्ति आयुक्त, डीएम ऊधम सिंह नगर, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी और डिस्पैच क्लर्क को 10 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इसे “प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला” बताया है।

हरिद्वार निवासी अभिजीत की जनहित याचिका पर हुआ बड़ा खुलासा

यह मामला हरिद्वार निवासी अभिजीत द्वारा दायर जनहित याचिका से शुरू हुआ। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2021 की आपदा के दौरान राहत के लिए भेजा गया 99 क्विंटल से ज्यादा सस्ता गल्ला, उचित रख–रखाव और समय पर वितरण न होने के कारण पूरी तरह सड़कर खराब हो गया।
जांच के बाद तत्कालीन डीएम ऊधम सिंह नगर ने दोषियों से रिकवरी के आदेश दिए थे, लेकिन खाद्य आपूर्ति आयुक्त ने रिकवरी को निरस्त कर दिया, जिसके खिलाफ यह याचिका दायर हुई।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े डीएम—‘डिस्पैच रजिस्टर’ पर कोर्ट का कड़ा रुख

सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उपस्थित हुए और एक डिस्पैच रजिस्टर कोर्ट में प्रस्तुत किया।
कोर्ट के सवालों पर डीएम ने जानकारी दी कि एक और डिस्पैच रजिस्टर भी मौजूद है।

कोर्ट ने लंच के बाद दूसरा रजिस्टर पेश करने के आदेश दिए।
दोपहर 3:30 बजे दूसरा रजिस्टर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

कोर्ट ने पाई गंभीर अनियमितताएं

दोनों रजिस्टरों के गहन परीक्षण के बाद कोर्ट ने कहा कि:

> “जब हर सरकारी दफ्तर में एक ही डिस्पैच रजिस्टर होता है, तो यहां दो क्यों?”

 

अधिकारियों से संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट ने सभी संबंधितों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है।

याचिका में व्यापक जांच, दोषियों पर कार्रवाई और सरकारी धन की पूरी वसूली की मांग

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि:

राशन घोटाले की निष्पक्ष जांच कराई जाए

जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी चिन्हित किए जाएं

सड़ी हुई सामग्री और नुकसान की भरपाई दोषियों से वसूली जाए

इसके अलावा अन्य सरकारी धन के दुरुपयोग की भी जांच हो

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!