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सिटी मजिस्ट्रेट कुशुम चौहान ने व्यापारियों के साथ बैठक व मंडी क्षेत्र का किया निरीक्षण!

मण्डी शुल्क, विकास सेस व दुकान किराया सात दिन में करें जमा, व्यापारी स्वयं हटा लें अतिक्रमण नहीं तो प्रशासन करेगा बल प्रयोग: कुशुम चौहान

हरिद्वार। अतिक्रमण अभियान के दौरान व्यापारियों द्वारा मंडी प्रशासन के साथ अभद्रता करने के मामले का संज्ञान लेते हुए सोमवार को कृषि उत्पादन मण्डी समिति हरिद्वार यूनियन के सभागार में नगर मजिस्ट्रेट/प्रशासक मंडी समिति कुश्म चौहान द्वारा मण्डी समिति के व्यापारियों की बैठक ली गयी और मंडी का निरीक्षण भी किया। इस दौरान नगर मजिस्ट्रेट कुशुम चौहान ने व्यापारियों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वे स्वयं के स्तर से अतिक्रमण को हटा लें अन्यथा प्रशासन बल का प्रयोग करते हुये अतिक्रमण को हटायेगा।

बैठक में मण्डी समिति में कार्य करने वाले व्यापारी यूनियनों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें इमरान अली मंसूरी, इरशाद अहमद व राम विशाल देव विभिन्न यूनियनों के अध्यक्ष एवं अन्य व्यापारियों द्वारा नगर मजिस्ट्रेट को अपनी परेशानियों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। बैठक में मण्डी सचिव लवकेश कुमार, मण्डी निरीक्षक वर्षा गुप्ता, शिवमूर्ति सिंह, मण्डी सहायक अजय कुमार, राजीव कुमार, जितेन्द्र कुमार आदि समिति कार्मिक भी उपस्थित रहे।

बैठक में नगर मजिस्ट्रेट द्वारा सभी व्यापारियों को मण्डी में नियमानुसार कार्य करते हुये, प्रतिदिन कृषक विक्रेता वाउचर 6 आर एवं 9 आर जारी करने के लिये निर्देशित किया तथा सभी व्यापारियों को पुराना अवशेष मण्डी शुल्क, विकास सेस एवं दुकान किराया का भुगतान 7 दिवस के भीतर करने के लिये कहा गया तथा भविष्य में नियमानुसार 15 दिन के अन्दर करने के लिये कहा गया। जिससे कि समिति की आय में अधिक से अधिक वृद्धि हो सके।

बैठक के बाद नगर मजिस्ट्रेट द्वारा मण्डी का निरीक्षण कर अतिक्रमण के सम्बन्ध में सचिव को निर्देशित किया गया तथा मण्डी की सफाई व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालित करने के लिये सफाई ठेकेदार को निर्देशित किया गया। साथ ही मण्डी परिसर में समय-समय पर औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने के लिये भी व्यापारियों को आश्वस्त किया गया। इसके अतिरिक्त मण्डी में अवैध रुप से अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों को चेतावनी जारी करते हुये कहा गया कि वे स्वयं के स्तर से अतिक्रमण को हटा लें अन्यथा कि स्थिति में प्रशासन बल का प्रयोग करते हुये अतिक्रमण को हटायेगा, जिसका समस्त उत्तरदायित्व व्यापारियों का होगा। साथ ही मण्डी में कारोबार के समय सभी व्यापारियों को आवागमन को सुचारु रुप से संचालित करने तथा मालवाहक वाहनों को माल उतारने तथा चढाने के लिये ही दुकानों के सामने खड़ा करने हेतु कहा गया कि जल्दी से जल्दी वाहनों को मण्डी परिसर में बाहर किया जाये, जिससे कि रोड पर जाम की स्थिति न हो तथा किसानों व खरीदरों को परेशानी न हो। मण्डी में दुकानों के आगे निशानदेही करने के लिये सचिव को निर्देशित किया। जिससे कि व्यापारी उस निशान से आगे फल-सब्जी न लगाये और अगर कोई व्यापारी निशान से आगे कारोबार करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जायेगा। इसके अतिरिक्त मण्डी में अवैध रुप से व्यापार करने वाले व्यापारियों को भी चेतावनी दी गयी तथा सचिव को निर्देशित किया गया कि मण्डी में विस्तार से निरीक्षण कर अतिक्रमण को हटाने तथा दुकान विहीन व्यापारियों को फड़ चिन्हित कर आवंटन करने के सम्बन्ध में कार्यवाही करें, सभी व्यापारियों को वेरीफिकेशन भी करें।

बैठक में नगर मजिस्ट्रेट द्वारा व्यापारियों को व्यापार में आने वाली परेशानियों का निराकरण करने के लिये सचिव को निर्देशित किया। व्यापारियों द्वारा मांग की गयी कि मण्डी शुल्क को ऑनलाइन भुगतान करने के लिये पोर्टल पर सुविधा प्रदान की जाये। इसके अतिरिक्त आनलाइन पोर्टल में एसएमएस सुविधा, आनलाइन/ यूपीआई के माध्यम से भुगतान की सुविधा, 15 दिन से अधिक बकाया रहने पर मैसेज की मांग की गयी। अतिक्रमण के सम्बन्ध में नगर मजिस्ट्रेट द्वारा दिये गये निर्देशों से सभी व्यापारियों द्वारा सहमति जताते हुये, नियमानुसार कारोबार करने के लिये कहा गया है। इस अवसर पर समिति कर्मचारियो के साथ-साथ व्यापारी वर्ग से रियाज अली, नवाब, युनूस अहमद, शौकीन, याहया, आफताब, निशान्त माटा, सिद्वार्थ चौधरी, मुरसत, मनीष, हाजी आशिक, गुलफाम, आसीम हुसैन, सन्तोष जायसवाल, हाजी शाहीन, चांद मुबारिक, श्याम सुन्दर, उमाशंकर, सुनील कुमार, नवाब अली, मनोज कुमार, प्रदीप कुमार, असलम, शकील, अहसान आदि उपस्थित रहें।

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