निर्धन कन्याओं के विवाह संस्कार में अपने बेटे का विवाह करना मुख्यमंत्री मोहन यादव का प्रेरणादायी कदम — श्रीमहंत रविंद्रपुरी
गरीब-अमीर की दूरी मिटाने और सामाजिक समरसता का अद्वितीय संदेश देता है मुख्यमंत्री का निर्णय

हरिद्वार, 1 दिसम्बर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सामाजिक समरसता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए 21 निर्धन कन्याओं का विवाह संस्कार संपन्न कराया और इसी सामूहिक विवाह समारोह में अपने बेटे का विवाह भी कराकर समाज को प्रेरक संदेश दिया।
इस पावन अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, योगगुरु बाबा रामदेव, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी, बागेश्वर धाम के परमाध्यक्ष धीरेंद्र शास्त्री, सहित अनेक संत-महापुरुषों और राजनेताओं ने नवविवाहित कन्याओं को आशीर्वाद प्रदान किया।
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पहल से गरीब और अमीर के बीच की खाई को समाप्त करने का कार्य किया है। निर्धन कन्याओं के विवाह संस्कार में अपने पुत्र का विवाह संपन्न कराकर उन्होंने समाज के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में “कन्यादान महादान” माना गया है और यह महान पुण्य उन लोगों को मिलता है जिन पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
सभी वर-वधुओं को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि “कन्याएं देवी का स्वरूप होती हैं, और भारतीय संस्कृति में कन्याओं का सम्मान सर्वोपरि है।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने परंपराओं का पालन करते हुए समाज को एकता, सेवा और संस्कारों का संदेश दिया है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने भी सभी कन्याओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि समाज को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। “कन्याएं देश की अमूल्य धरोहर हैं, और इनके संरक्षण-संवर्धन की जिम्मेदारी समाज की है।”
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कन्यादान सबसे बड़ा दान माना गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सामूहिक विवाह में अपने बेटे का विवाह कराकर लोगों के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए कन्याओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।




