शिक्षा विभाग में बाबूओं कि मनमानी के आगे अधिकारी नतमस्तक, शिक्षक बेहाल
जूनियर कि वरिष्ठता सूची में घालमेल, अब प्राइमरी कि बारी

हरिद्वार। शिक्षा विभाग में बाबूओं कि मनमानी कोई नई बात नहीं है। भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबे इन बाबूओं के सामने अधिकारी लाचार और शिक्षक परेशान हैं। शिक्षकों कि वरिष्ठता सूची में अपनों को लाभ पहुँचाने के लिये घालमेल और त्रुटिपूर्ण वरिष्ठता सूची से तमाम चर्चाओं का बाजार गर्म है। कभी संगठन का कोटा तो कभी सांठगांठ के चलते भ्रष्ट बाबू लम्बे समय से एक ही जगह चिपके हुए हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में बाबूओं के कारनामें समय समय पर उजागर होते रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला हाल ही में हुई जूनियर विद्यालयों में प्रमोशन एवं प्राइमरी कि वरिष्ठता सूची में गड़बड़झाले का प्रकाश में आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत दिनों 10 प्राइमरी के प्रधानाध्यापकों एवं जूनियर के सहायकों का जूनियर के प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन किया गया। इन प्रमोशन में एक शिक्षक को लाभ पहुँचाने के लिये वरिष्ठता सूची से पात्र अध्यापक का नाम हटा दिया गया। अब प्रकरण कि शिकायत जिलाधिकारी से कि गयी है। सूत्र बताते हैं कि कई वर्षों से यह खेल चल रहा है। अधिकारियों के संरक्षण में पहले भी यह कथित बाबू रूड़की एक निलंबित अधिकारी के घर सूचियां फाइनल करने के लिये चर्चित रहा है। भगवानपुर के एक शिक्षक ने नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि इसका भाई खुद प्रमोशन के नाम पर वसूली में संलिप्त है। कुल मिलाकर चाहे विद्यालयों में रिक्तियों को छुपाना हो या पात्रता सूची में मानकों कि अनदेखी यह सब बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। बात प्राइमरी कि वरिष्ठता सूची कि करें तो एक लम्बे समय से कई बार यह सूची फाइनल कि जाती रही परन्तु हर बार यह विवादित रही। गत दिनों जो वरिष्ठता सूची जारी कि गयी उनमे अप्रैल 2022/23 में प्रोन्नत होकर प्रमोशन छोड़ चुके शिक्षकों के नाम भी शामिल कर लिये गये। लिस्ट में त्रुटि का निवारण हो नहीं पा रहा है और प्रमोशन के नाम पर सेटिंग गेटिंग शुरू हो चुकी है। ऐसा नहीं कि इन सबसे अधिकारी अंजान हैं परन्तु बाबूओं पर लगाम लगाने कि उनमे इच्छाशक्ति नहीं। इन सब मसलों से शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।