Blog

शक्ति प्राप्त करने करें, शुद्ध चित्त-मन से भगवती की आराधना : स्वामी रामभजन 

नागरी प्रचारिणी सभा श्री विष्णु मंदिर एशरविले, डरबन में धूमधाम से मनाया गया शारदीय नवरात्र महोत्सव

हरिद्वार/डरबन। शिवोपासना संस्थान डरबन साउथ अफ्रीका एवं शिव उपासना धर्मार्थ ट्रस्ट हरिद्वार के संस्थापक स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने कहा कि मां भगवती दुर्गा शक्ति का प्रतीक है और शक्ति प्राप्त करने के लिए भक्त मां भगवती की आराधना करते हैं। देवता, ऋषि-मुनि, यक्ष, गन्धर्व किन्नर सभी शक्ति प्राप्त करने के लिए भगवती की शरण में जाते हैं।‌ क्योंकि बिना शक्ति के सब शव के समान है और शक्ति संपन्न होने से ही सभी मनोरथ सिद्ध होते है।‌
गौरतलब है कि श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के अंतराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन जी महाराज के सानिध्य में शारदीय नवरात्र दुर्गा पूजा महोत्सव नागरी प्रचारिणी सभा श्री विष्णु मंदिर एशरविले, डरबन में धूमधाम से मनाया गया। भारतीय संस्कृति के अनुसार शास्त्रीय मान्यताओं एवं परंपराओं का पालन करते हुए लगातार नौ दिनों तक मां भगवती दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की गई। दुर्गा नवमी पर यज्ञ अनुष्ठान के साथ कन्या पूजन और साधू संतो एवं श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई। इस मौके पर स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति महान है और इसकी महानता का गुणगान पूरी दुनियां में किया जाता है। शारदीय नवरात्र में मां भगवती की साधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आसुरी शक्तियों के संहार के लिए मां भगवती का जन्म हुआ था। इसलिए साधकों को शुद्ध एवं पवित्र मन से मां की उपासना करनी चाहिए। विकार होने पर अनिष्ट होने की संभावना होती है। मां भगवती के सामने अबोध बालक की तरह प्रस्तुत होना चाहिए। ऐसा होने पर ही मां की कृपा संभव है। शारदीय नवरात्र में मां भगवती दुर्गा की आराधना के सर्वश्रेष्ठ दिन है। ऐसे में इन दिनों लोगों को शुद्ध चित्त- मन से मां की उपासना में लीन रहना चाहिए।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!