लाखों की मोटी रकम खर्च के बाद भी पटरी पर नही आ रही सफाई व्यवस्था, गैराज की हालत खस्ता, भरता जा रहा पेट्रोल-डीजल के बिलों से बस्ता..
हरिद्वार: डेंगू का प्रकोप जनपद भर में थमने का नाम ही नही ले रहा है। अस्पतालों में भीड़ बढ़ती ही जा रही है। बीमारियों ने अपना विकराल रूप लिया हुआ है लेकिन नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की बात करें तो ठप नजर आ रही है ऐसे वक्त में सफाई व्यवस्था का ये हाल होना विचारणीय है। अब तो आलम ये हो चला है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन भी तीन दिन से बंद है। बताया जा रहा कर्मचारियों ने वेतन को लेकर कार्य भहिष्कार किया हुआ है हालाँकि ये पहली बार नही है जब ऐसा हुआ है अनुबंधित संस्थानों के काम करते वक़्त भी ऐसा कई बार हो चुका है। मगर नई बात ये है कि नगर निगम के महीने भर में लाखों की मोटी रकम खर्च होने के बाद भी कार्य व्यवस्था सुचारू होती नजर नही आ रही है जबकि यही काम अनुबंधित संस्थान द्वारा निगम से लगभग 7-8 लाख के कम खर्च में काम किया जाता था। अब 7 लाख ज्यादा खर्च होने के बाद भी कार्य व्यवस्था संभलने का नाम ही नही ले रही है।
इसी के बीच नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का एक व्हाट्सएप मैसेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जो एक बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा है। वायरल मैसेज में नगर आयुक्त द्वारा साफ-साफ कहा जा रहा है कि निगम का हर महीने का खर्च 35 लाख आ रहा है जबकि इसी काम को अनुबंधित संस्थान द्वारा 8 लाख कम यानी 27 लाख में किया जाता था। वायरल हो रहे इस मैसेज के बाद से निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे है। वंही सूत्रों की माने तो पेट्रोल व सीएनजी का ऐसा झोल चल रहा है जिसे रोक पाना अधिकारियों के बस से बाहर हो चला है यही कारण है कि अधिकारी जल्द से जल्द किसी संस्थान को इस सारे काम का जिम्मा दिए जाने की फिराक में लगे है। दूसरी ओर गैराज पर गाड़ियों की व्यवस्था की बात की जाए तो उसके हाल भी बुरे नजर आते है। सूत्र बताते है कि जो गाड़ियों खराब हुई वो फिर सही नही हुई और बिलों की तह लगातार लगती है जा रही है।
निगम का खर्चा ज्यादा आ रहा है इसलिए शहर भर से कूड़ा निस्तारण के लिए किसी संस्था के साथ अनुबंध किए जाने की तैयारी चल रही है जल्द व्यवस्था सुचारू हो जाएगी- नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती