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जनपद में सूदखोर माफिया का आतंक,15 से 20 प्रतिशत की दर पर कर रहे करोड़ों का अवैध कारोबार!

हरिद्वार। जनपद में सूदखोरों का आतंक लगातार जारी है। बिना लाइसेंस सूदखोरी के अवैध धंधों में लिप्त ऐसे सूदखोरों द्वारा भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर 20% की दर पर पैसा दिया जाता है और फिर सूद के नाम पर मोटी रकम प्रतिमाह वसूली जाती है, न देने पर तरह-तरह की प्रताड़ना और धमकी दिए जाने के चलते सूदखोरों से त्रस्त लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।सोमवार को सूदखोर के दबाव और धमकी के चलते हल्द्वानी में वन दरोगा के बेटे ने जहर का सेवन कर जान दे दी है। वन दरोगा ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सूदखोरों से परेशान वन दरोगा के पुत्र द्वारा आत्महत्या किए जाने के प्रकरण ने एक बार फिर अवैध सूदखोरों पर कार्यवाही को लेकर प्रशासन की शिथिलता को उजागर कर दिया है। आरोप है कि सूदखोर हर रोज बेटे को धमकी दे रहा था, जिसके चलते उनका बेटा काफी दिनों से परेशान था। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जनपद के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र सहित हरिद्वार, कनखल और ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से सक्रिय सूदखोर करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार कर रहे हैं। जिला प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम चल रहे इस अवैध सूदखोरी के धंधे को लेकर प्रशासन भी अनजान बना हुआ है इन सूदखोरों के आतंक का आलम यह है कि दर्जनों लोग अभी तक इन से त्रस्त होकर आत्महत्या करने जैसा बड़ा कदम उठा चुके हैं। बिना लाइसेंस सूदखोरी के धंधे में लगे इन सूदखोर माफियाओं द्वारा अपनी रकम वसूलने के लिए बाकायदा गुंडों की फौज पाली हुई है,जो पैसा लेने वाले व्यक्ति के घर पहुंच कर मारपीट और हंगामा करने जैसे कृतियों को अंजाम देने से नहीं चूकते। पिछले दिनों एसडीएम सदर हरिद्वार पूरन सिंह राणा द्वारा ऐसे ही एक सूदखोर से ऑटो चालक और उसके परिवार का पीछा छुड़ाते हुए सूदखोर की जमकर क्लास ली थी, जिसके चलते सूदखोर को ऑटो चालक का पकड़ा हुआ ऑटो वापस करना पड़ा था। बावजूद इसके नगर और ग्रामीण क्षेत्र में सूदखोरी का यह अवैध धंधा जमकर फल फूल रहा है जिसका शिकार जनपद की भोली-भाली जनता हो रही है।
अवैध रूप से सूदखोरी के कार्यों में लगे सूदखोरों के संबंध में कोई शिकायत आती है तो तत्काल कार्रवाई की जाती है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति संपर्क कर मेरे समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
पूरन सिंह राणा, एसडीएम सदर हरिद्वार