उत्तराखंडएक्सक्लूसिव

जाति प्रमाण पत्र जारी न करने पर हाईकोर्ट ने दिए तहसीलदार को निलंबित किए जाने के आदेश

(दस्तक संवाददाता) उच्च न्यायालय ने एक आदेश की गलत व्याख्या करने पर न्यायालय द्वारा तहसीलदार को निलंबित करने के आदेश जारी किए है साथ ही जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को आदेश पर की गई कार्यवाही को 7 मई तक न्यायालय में उपलब्ध कराने के भी आदेश जारी किए है। बता दें कि काशीपुर के तहसीलदार के खिलाफ यू.एस.नगर के डीएम से आरोपी तहसीलदार के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही कर निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने इस कार्यवाही की रिपोर्ट 7 मई को न्यायालय के समक्ष पेश करने को कहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार काशीपुर निवासी मो.इमरान ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि वह मुस्लिम समुदाय की तेली जाति का व्यक्ति है। इस जाति को राज्य सरकार द्वारा ओ.बी.सी. जाति के रूप में मान्यता दी गई है और उसने 1994 के अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक ओ.बी.सी.प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। तहसीलदार ने इस प्रार्थना को खारिज करते हुए कहा कि उसे जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश प्राप्त करना होगा। जैसा कि 6 अगस्त 2021 को एक याचिका में उसके बड़े भाई ने प्राप्त किया था। इरफान द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने तहसीलदार काशीपुर के इस निर्णय को न्यायिक धारणा के खिलाफ मानते हुए याचिकाकर्ता को तुरंत 2021 में मो.रिजवान बनाम उत्तराखण्ड सरकार में दिए निर्देशों के अनुसार ओ.बी.सी.प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एकपपीठ ने उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी से आरोपी तहसीलदार के विरूद्ध उचित प्रशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं और इस आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट 7 मई को उनके समक्ष पेश करने को कहा है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी तहसीलदार सकते में आ चुके है। बताया जा रहा है कि इस प्रकार के तुगलकी फरमान से कई प्रमाण पत्र और भी रद्द किए जा चुके है।

Related Articles

error: Content is protected !!
Close